पश्चिमी यूरोप का भूगोल (Geography of Western Europe) Part 2 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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संरचना तथा प्राकृतिक स्वरूप-

  • जिस भाग में आज उत्तरी और उत्तर पश्चिमी यूरोप है, वहां आज से करोड़ों वर्ष पूर्व एक महादव्ीप था। बाल्टिक शील्ड (रक्षक) के नाम से प्रसिद्ध यह महादव्ीप था। इसे फेनो स्कैंडियन शील्ड भी कहते हैं।
  • इसी शील्ड के पश्चिमी छोर पर विशाल कैलिडोनियन पर्वत श्रेणी का निर्माण हुआ, जिसके अवशेष के रूप में स्कॉटलैंड की पहाड़ियाँ और स्कैडिनेबिया की उच्च भूमि आज भी देखी जा सकती है।
  • कुछ करोड़ वर्षों के बाद भूसंचलन से मोड़दार पर्वतों की जो श्रेणी बनी, उसे हरसीनियन पर्वत श्रेणी नाम दिया गया। यह पर्वत श्रेणी आज मौजूद नहीं है। पश्चिम में द. प. आयरलैंड, बेल्स और कॉनेवाल, डेबल की उच्च भूमि हरसीनियन पर्वत श्रेणी के ही अवशेष हैं।
  • अंतिम भूसंचलन के फलस्वरुप बड़े स्तर पर पर्वत श्रेणियों का निर्माण हुआ और वे यूरोप की नवीन पर्वत श्रृंखलाएँ या अल्पाइन पर्वत श्रेणी कहलाती हैं
  • कोई 5 लाख वर्ष पूर्व यूरोप में हिमयुग आया। यूरोप की समस्त उच्च भूमि, विशेषतया स्कैडिलेबिया, सैकड़ों मीटर मोटे हिमपट से आच्छादित रही। वहां से मैदानी भाग की ओर हिमनद प्रवाहित होते रहे। हिमनदों और हिमनि: सृत जलधाराओं से हिमजलोढ मैदानों का निर्माण हुआ। उत्तरी यूरोप की अधिकतर झीलें हिमनदों के अपरदान या निक्षेपण से बनी।