ब्रिटिश सरकार की प्रशासनिक एवं सैन्य नीतियाँ (Administrative and Military Policies of British Government) Part 14 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

Get top class preparation for CTET-Hindi/Paper-2 right from your home: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-2.

कोठारी शिक्षा आयोग ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: ब्रिटिश सरकार की प्रशासनिक एवं सैन्य नीतियाँ (Administrative and Military Policies of British Government) Part 14

जुलाई, 1964 में डाक्टर डी. एस. कोठारी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय आयोग का गठन किया। इसका कार्य शिक्षा के सभी पक्षों तथा चरणों के विषय में साधारण सिद्धांत, नीतियों एवं राष्ट्रीय नमूने की रूपरेखा तैयार कर उनसे सरकार को अवगत कराना था। आयोग को अमेरिका, रूस, इंग्लैंड एवं यूनेस्कों के शिक्षा शास्त्रियों एवं वैज्ञानिकों की सेवाएं भी उपलब्ध करायी गयी थी। आयोग ने वर्तमान शिक्षा पद्धति की कठोरता की आलोचना की तथा शिक्षा नीति को इस प्रकार लचीला बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया जो बदलती हुयी परिस्थितियों के अनुकूल हो। आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1968 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की गयी। जिसमें निम्नलिखित तथ्यों पर बल दिया गया-

  • 14 वर्ष की आयु तक नि: शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा।
  • शिक्षा के लिये तीन भाषायी फार्मूला-मातृभाषा, हिन्दी एवं अंग्रेजी तथा क्षेत्रीय भाषाओं का विकास।
  • राष्ट्रीय आय का 6 प्रतिशत शिक्षा पर व्यय करना।
  • अध्यापकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था तथा उनके लिये मानक तय करना।
  • कृषि तथा औद्योगिक शिक्षा का विकास।
  • विज्ञान तथा अनुसंधान शिक्षा का समानीकरण।

तकनीकी शिक्षा का विकास ~NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.: ब्रिटिश सरकार की प्रशासनिक एवं सैन्य नीतियाँ (Administrative and Military Policies of British Government) Part 14

1847 ई. में रूड़की इंजीनियरिंग (अभियंता) महाविद्यालय की स्थापना हो चुकी थी। लेकिन पश्चिमी देशों के औद्योगिक विकास को देखकर इस दिशा में अधिक विकास की आवश्यकता महसूस होती थी। 20वीं सदी के आरंभ होने के पश्चातवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू विभिन्न तकनीकी तथा वैज्ञानिक शोध संस्थाओं की स्थापना की गई। जमशेदजी टाटा की स्मृति में उनके पुत्रों ने इंडियन (भारतीय) इंस्टीटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू यूट (संस्थान) ऑफ (का) साइंस (विज्ञान) , बंगलौर (1911) , सर जगदीशचन्द्र बोस दव्ारा कलकता में बोस रिसर्च (अध्ययन) इंस्टीटयूट (संस्थान) (1917) , देहरादून में फारेस्ट (जंगल) रिसर्च (अध्ययन) इंस्टीटयूट (संस्थान) (1914) , कानपुर में हरकोर्ट बटलर टेक्नोलोजीकल (तकनीक) इंस्टीटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू यूट (संस्थान) (1921) , धनबाद में इंडियन (भारतीय) विद्यालय ऑफ साइंस (विज्ञान) (1926) आदि स्थापित किए गए। इन सभी संस्थाओं में निजी योगदान बहुत अधिक महत्वपूर्ण रहा।

इन संस्थाओं के होते हुए भी 1947 ई. तक भारत को प्राय: सभी क्षेत्रों में रूपरेखा और तकनीकी जानकारी के लिए विदेशी संस्थाओं पर निर्भर रहना पड़ता था। भारत औद्योगिक दृष्टि से बहुत पिछड़ा हुआ था और उसके वैज्ञानिकों को विदेशी सहायता पर निर्भर रहने की प्राय: आदत-सी बन गई। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चातवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्‌ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू ही इस पराधीनता को कुछ कम किया जा सका।