Science and Technology: The Centre for Indian Space Program

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राष्ट्र विकास में अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका (Role of Space Science & Technology in National Development)

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के केन्द्र (Centre for Indian Space Program)

Illustration: भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के केन्द्र (Centre for Indian Space Program)

इसरो उपग्रह केन्द्र (आईजैक) (ISRO Satellite Centre (ISAC) )

बेंगलूर में स्थित आईजैक उपग्रह प्रणालियों के अनुसंधान और विकास के लिए अग्रणी केन्द्र है। यह केन्द्र समयबद्ध परियोजनाओं दव्ारा उपग्रह प्रणालियों की अवधारणा, डिज़ाइन, संविरचन, जाँच तथा समेकन और कक्षीय अभिचालन के कार्य के लिए जिम्मेदार है। इस केन्द्र में विभिन्न मिशन आवश्यकताओं को पूरा करने वाले अत्याधुनिक प्रौद्येगिकियाँ विकसित की जाती हैं, जो आईजैक को अंतरिक्षयान प्रौद्योगिकी के अग्रणी राष्ट्रों में आगे रखती हैंं

सतीश धवन अंतरिक केन्द्र (एस. डी. एस. सी.) , शार (Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR)

श्रीहिरकोटा स्थिति एस. डी. एस. सी. , शार, दो प्रमोचन पैडों के साथ, इसरों का प्रमुख प्रमोचन केन्द्र है और प्रमोचन प्रचालन आयोजित करता है। केन्द्र को निम्नलिखित कार्य सौंपे गये हैं।

  • इसरो के प्रमोचक रॉकेट कार्यक्रम के लिए ठोस नोदक बूस्टरों का उत्पादन।
  • विभिन्न उप-प्रणालियों और ठोस रॉकेट मोटरों को अर्ह बनाने के लिए अवसंरचना प्रदान करना और आवश्यक जाँच आयोजित करना।
  • प्रमोचन आधार अवसरंचना प्रदान करना।
  • उपग्रह प्रमोचक रॉकेट और उपग्रहों का समुच्चय, समेकन तथा प्रमोचन।

द्रव नोदन प्रणाली केन्द्र (एल. पी. एस. सी.) (Liquid Propulsion System Centre (LPSC) )

  • एल. पी. एस. सी. प्रमोचक रॉकेट तथा उपग्रह कार्यक्रमों के लिए द्रव रॉकेट इंजन, चरण तथा नियंत्रण पावर संयंत्र के डिज़ाइन, विकास व प्राप्ति के लिए जिम्मेदार इसरो का प्रमुख केन्द्र है। केन्द्र ने भू-भंडारणीय और क्रायोजेनिक नोदन के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का विकास किया है और अंतरिक्षयान कार्यक्रमों के लिए विद्युत नोदन प्रणाली भी विकसित की है। यह केन्द्र समेकित प्रमोचक रॉकेट (यू. एल. वी.) और पुनरूपयोगी प्रमोचक रॉकेट (आर. एल. वी.) के लिए उच्च थ्रस्ट के समी क्रायोजेनक इंजन का विकास भी कर रहा है।
  • एल. पी. एस. सी. के क्रियाकलाप केरल में तिरूवन्तपुरम के निकट वलियमला स्थित मुख्यालय के साथ वलियमला, महेन्द्रगिरी और बेंगलूर स्थित तीन परिसरों में सगठित हैं। एल. पी. एस. सी. अंतरिक्षयान नोदन प्रणाली के विकास के लिए जिम्मेदार है।

अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र (सैक) (Space Applications Centre (SAC) )

  • अहमदाबाद स्थित सैक इसरो का एक प्रमुख केन्द्र है और यह नीतभार विकास से सामाजिक उपयोग तक के विभिन्न विषयों से संबंधित कार्य करता है, इस तरह प्रौद्योगिकी, विज्ञान तथा सामाजिक उपयोग की सहक्रिया करता है। केन्द्र संचार, नौवहन, भू प्रेक्षण तथा मौसमविज्ञानीय नीतभार के विकास प्राप्ति और अर्ह बनाने तथा संबंधित आँकड़ों के संसाधन एवं भू प्रणालियों के लिए जिम्मेदार है। यह केन्द्र प्राकृतिक संसाधनों के संचार, प्रसारण, भू प्रेक्षण, मौसम और पर्यावरणीय अध्ययन आपदा मानीटरन/न्यूनीकरण आदि के क्षेत्र में भू प्रणालियों और उपयोग क्रियाकलाप के विकास का कार्य आयोजित करता है। यह सामाजिक लाभों के व्यापक विभिन्न उपयोग के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
  • यह केन्द्र संयुक्त राष्ट्र के साथ संबद्ध अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी शिक्षा केन्द्र (यू. एन. सी. एस. एस. टी. पी.) के तत्वाधान में एशिया प्रशांत क्षेत्र के विद्यार्थियों को उपग्रह संचार और मौसमविज्ञान पर नौ महीने का स्नातकोतर डिप्लोमा पाठयक्रम आयोजित करता है।

राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र (एन. आर. एस. सी.) (National Remote Sensing Centre (NRSC) )

  • हैदराबाद स्थित एल. पी. एस. सी. सितंबर 01,2008 से इसरों के एक संपूर्ण केन्द्र के रूप में परिवर्तित हुआ है। पहले एल. पी. एस. सी. एक स्वायत संस्था थी, जो अंतरिक्ष विभाग (अं. वि.) के तहत राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेन्सी (एन. आर. एस. ए.) के नाम से जाना जाता था। यह केन्द्र सुदूर संवेदन उपग्रह के आँकड़ा अर्जन तथा संसाधन, आँकड़ा विकीर्णन, हवाई सुदूर संवेदन तथा आपदा प्रबंधन हेतु निर्णय सहायता के लिए उत्तरदायी है।
  • एन. आर. एस. सी. ने हैदराबाद के निकट शादनगर में भारतीय सुदूर संवदेन उपग्रहों तथा अन्य उपग्रहों से आँकड़े प्राप्त करने के लिए एक आँकड़ा अभिग्रहण केन्द्र की स्थापना की है। यह केन्द्र प्रयोक्ताओं के सहयोग से सुदूर संवेदन उपयोग परियोजनाओं का कार्यान्वयन भी करता है। अंतरिक्ष विभाग दव्ारा राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधन प्रबंध प्रणाली (एन. एन. आर. एम. एस.) के तहत बेंगलूर, जोधपुर, खड़गपुर, देहरादून तथा नागपुर में स्थापित पाँच आर. आर. एस. एस. सी का दिसंबर 2,2009 को प्रादेशिक सुदूर संवेदन केन्द्र (आर. आर. एस. सी. .) के रूप् में पुन: नामकरण किया गया है। आर. आर. एस. सी. अपने क्षेत्र विशिष्ट तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न सुदूर संवेदन कार्यों को सहायता प्रदान करते हैं। आर. आर. एस. सी. विभिन्न संसाधन क्षेत्रों में उपयोग परियोजना का कार्य करता है जैसे कृषि तथा मृदा, जल संसाधन, वानिकी, समुद्रविज्ञान, भूविज्ञान, पर्यावरण तथा शहरी योजना का कार्य करता है।

विकास तथा शैक्षिक संचार यूनिट (डेकू) (Development and Educational Communication Unit (DECU) )

अहमदाबाद स्थित डेकू प्रणाली परिभाषा, आयोजना, कार्यान्वयन तथा उपग्रह आधारित सामाजिक उपयोगों के सामाजिक अनुसंधान/मूल्यांकन कार्य में लगी हुई है। डेकू के मुख्य क्रियाकलापों में निम्न शामिल हैं: दूर-शिक्षा, दूर-चिकित्सा, प्रशिक्षण तथा विकास संचार चैनल (टी. डी. सी. सी) ग्रामीण संसाधन केन्द्र (वी. आर. सी.) और डी. एम. एस. कार्यक्रम।