ध्रुवीय भालू के आवास की क्षति (Damage to the House of Polar Bears – Environments and Ecology)
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कारण
• ग्लोबल (विश्वव्यापी) वार्मिंग (थोड़ा गरम करने वाला) से ध्रवीय भालू के ग्रीष्मकालीन बर्फीलें सागरीय आवासों में कमी हो रही हैं।
• ध्रवीय भालू, सागरीय बर्फ का प्रयोग भोजन प्राप्त करने, संसर्ग और प्रसव के लिए करते हैं।
• गर्मियों में जब हिमावरण कम हो जाता है तो ध्रुवीय भालू भूमि पर आने हेतु विवश हो जाते हैं।
• सागरीय बर्फ के क्षरण की स्थिति में भूमि-आधारित भोजन ध्रुवीय भालू के अनुकूलन की प्रक्रिया में अधिक सहायक नहीं हो सकेगा।
ध्रुवीय भालू की विशेषताएँ
• विशाल आकार वाले ये भालू 350 - 700 किग्रा तक होते हैं।
• स्थिति: IUCN रेड डेटा बुक (लाल, आधार सामग्री, किताब) में ये सुभेद्य श्रेणी में वर्गीकृत हैं।
• वासस्थल: ये काफी हद तक उत्तरी आर्कटिक परिधि के अंतर्गत पाए जाते हैं। इसमें आर्कटिक महासागर व आस-पास के समुद्र और भूमि सन्निहित है।
• ध्रुवीय भालू बर्फीले समुद्री किनारों से अपने पसंदीदा भोजना यावी सीलों का शिकार करते हैं और जब समुद्री हिम नहीं होती है तो प्राय: अपने शरीर में संरक्षित वसा पर जीवित रहते हैं।
• ध्रुवीय भालू भूमि पर पाए जाने वाले विश्व के सबसे बड़े मांसाहारी जीव हैं। केवल दक्षिणी- पश्चिमी अलास्का के कोडियाक भूरे भालू ही इनके जितने विशाल होते हैं।
• ध्रुवीय भालू आर्कटिक क्षेत्र में खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर विद्यमान हैं। इनका मुख्य आहार बर्फ पर निर्भर रहने वाली सीलों की वसा है।
• द (यह) वर्ल्ड (विश्व) कंजरवेशन (संरक्षण) यूनियन (संयोग) (IUCN) का अनुमान है कि विश्व में 20 से 25 हजार ध्रुवीय भालू पाये जाते हैं।