2020 तक भारत स्टेज-VI मानक (India Stage-VI Standard Till 2020 – Environment and Ecology)

Doorsteptutor material for CTET-Hindi/Paper-1 is prepared by world's top subject experts: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

सुर्खियों में क्यों?

• देश में वाहन जनित प्रदूषण को कम करने की दिशा में कदम उठाते हुए भारत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वाहन उत्सर्जन से संबंंधित BS-IV मानक के बाद (BS-V मानक को छोड़ते हुए) अप्रैल 2020 तक सीधे BS-VI मानक लागू कर दिये जाएंगे।

• BS-VI लागू करने के पश्चात भारत भी संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और यूरोपियन यूनियन जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जो पहले से ही यूरो स्टेज (मंच) VI उत्सर्जन मानकों का पालन कर रहे हैं।

• वर्तमान में 63 भारतीय शहरों में पेट्रोल व डीजल (ईंधन) के लिए BS-IV मानकों का अनुपालन किया जा रहा है। शेष भारत में अभी BS-III मानकों के अनुरूप ईंधनों का उपयोग हो रहा है।

BS-VI मानक

• BS-VI अनुवर्ती ईंधन की सल्फर (गंधक) सांद्रता 50 ग्राम प्रति मिलियन (दस लाख) (पीपीएम) होती है।

• BS-VI अनुवर्ती ईंधन एंव ऑटो इंजन में यह घटकर 10 पीपीएम रह जाएगी। इससे हानिकारक उत्सर्जन के स्तर में कमी आएगी। साथ ही फेफड़ों से संबंधित रोगों के मामलों में भी कमी आएगी।

• BS-VI मानकों को लागू करने से उत्सर्जन में पाए जाने वाले कार्बन मोनो (अकेला) ऑक्साइड, अधजले हाइड्रोकार्बन, नाइट्‌स ऑक्साइड और कणिकीय पदार्थो (पार्टिकुलेट मैटर) की सांद्रता में भी कमी आएगी।

चुनौतियाँ

• यह कार, एस. यू. बी, ट्रको और बसों की अधिक महंगा कर देगा।

• सीधे BS-VI को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता पड़ेगी जिसके जिए ऑटो (कार) कंपनियों (संघों) को भारी निवेश करना पड़ेगा।

• आमतौर पर क्रमश: एक चरण से दूसरे चरण में जाने के लिए 4 वर्ष का समय लगता है। इस मामले में जहाँ एक चरण को पूरी तरह छोड़कर अगले चरण को लागू करने की बात हो रही है, कंपनियों (संघों) को और अधिक समय की जरूरत हो सकती हे। यहां तक कि ऑटो (कार) फ्यूल (कोयला) पॉलिसी (नीति) के अंतर्गत BS-VI को 2024 तक लागू करने की सिफ़ारिश की गयी है।

• जीवाश्म ईंधन का उपयोग करने वाले वाहनों की बढ़ती हुई संख्या ने यात्रा गति को प्रभावित किया है और प्रदूषण का स्तर भी बिगाड़ा है।

• खराब नगरीय प्रशासन के कारण बहुत सी सड़कों को पक्का नहीं किया गया है तथा साथ ही सड़के मलबों और निर्माण संबंधी धूल कणों से भरी रहती हैं, इससे वायु में निलम्बित कणों का बार-बार चक्रण होता रहता है।

• डीजल से चलने वाले यात्री और वाणिज्यिक वाहनों, जिनका कुल उत्सर्जन में सबसे बड़ा योगदान है, की निगरानी प्रभावी और कुशल तरीके से नहीं हो रही है।

भारत स्टेज (मंच) मानक

• भारत स्टेज उत्सर्जन मानक भारत सरकार दव्ारा स्थापित किए गए वे उत्सर्जक मानक हैं जो मोटर (गति देने वाला यंत्र) वाहन सहित आंतरिक दहन इंजन उपकरण से निकले/उत्पादित वायु प्रदूषकों को नियंत्रित करते हैं।

• ये मानक एवं इनके कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्यरत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (मंडल) निर्धारित करता है।

यूरोपीय विनियमनों पर आधारित इन मानकों को पहली बार सन 2000 में लागू किया गया था।