राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा विधेयक 2015 (National Renewable Energy Bill, 2015 – Environment and Ecology)
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उद्देश्य
• नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को समेकित कर इसे संस्थागत स्वरूप प्रदान करना।
• समर्पित नवीकरणीय विद्युत निवेश क्षेत्रों की स्थापना करना।
प्रावधान
• संसद दव्ारा पारित होने के उपरांत यह विधेयक, एक ‘राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा नीति’ एक ‘भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा निगम’ नामक संस्था, एक सलाहकार समूह तथा इस हेतु एक समिति के निर्माण को सुनिश्चित करेगा।
• अभी तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ‘विद्युत अधिनिमय’ दव्ारा प्रशासित था। अब इस अधिनियम के संशोधन की प्रक्रिया भी चल रही है।
• यह कानून ‘नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला’ के सभी पहलुओं को समाहित करेगा।
• इस नीति के केंद्र में अवस्थित कुछ प्रमुख खंड हैं- नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का मूल्यांकन, तकनीकी और सुरक्षा संबंधी मानक, निगरानी और सत्यापन, विनिर्माण एंव कौशल विकास तथा डाटा (आधार सामग्री) प्रबंधन।
• इस पृथक कानून के माध्यम से, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए स्वतंत्र होगा तथा इसे विभिन्न परियोजनाओं हेतु आवश्यक अनुमति के लिए अन्य मंत्रालयों और विभागों पर निर्भर नहीं रहना होगा।
• इस विधेयक के अनुसार अब किसी नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत से विद्युत आपूर्ति हेतु किसी लाइसेंस (आज्ञा) की आवश्यकता नहीं होगी।
राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा कोष
इस क्षेत्रक की परियोजनाओं को वित्तीय सहयोग प्रदान करने हेतु केंद्र सरकार एक ‘राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा कोष’ की स्थापना करेगी तथा राज्यों को अपना अलग ‘राज्य हरित कोष’ स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
यह कोष इस अधिनियम के सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग में लाया जा सकता है, जैसे कि अनुसंधान और विकास, संसाधानों का मूल्यांकन, विभिन्न प्रदर्शनियाँ तथा प्रायोगिक परियोजनाएं, कम लगात का वित्त-पोषण, कौशल विकास हेतु निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी विनिर्माण को सहयोग, अवसंरचना विकास तथा सभी प्रकार के विकेन्द्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा आयामों को प्रोत्साहन। हालांकि यह इन उद्देश्यों तक ही सीमित नहीं रहेगा और साथ ही इसमे यह शर्त होगी कि ऐसी सभी प्रकार की गतिविधियों का चयन पारदर्शी तरीके से और योजना के प्रावधानों के अनुसार किया जाए।
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा निगम
जून 2015 में केंद्र सरकार ने भारतीय सौर ऊर्जा निगम को कंपनी (संघ) एक्ट (काम करना) 2013 के अंतर्गत सेक्शन (खंड) 3 कंपनी (संघ) के रूप में रूपांतरित करने तथा इसका नाम परिवर्तित कर भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा निगम किये जाने को सहमति प्रदान की।
भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत यह ‘मिनी (छोटा) रत्न’ का दर्जा प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। इस पब्लिक (लोग) लिमिटेड (सिमित) सरकारी कंपनी (संघ) की स्थापना नवीकरणीय ऊर्जा तथा ऊर्जा सक्षमता/संरक्षण की परियोजनाओं के विकास, उन्हें प्रोत्साहन देने तथा उनके वित्त पोषण हेतु नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में 1987 में एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान के रूप में हुई थी।