लैंगिक असमानता सूचकांक (जीआईआई) -यूएनडीपी (Gender Inequality Index – UNDP – Government Plans)

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सारांश

• जीआईआई संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) दव्ारा सन 2010 की मानव विकास रिपोर्ट (विवरण) की 20 वीं वर्षगांठ पर प्रकाशित संस्करण में जारी किया गया।

• लैंगिक असमानता सूचकांक जीआईई लैंगिक अंतर डिसपैरटि असमानता⟋अत्यधिक विभन्निता के मापन का सूचकांक है।

• जीआईआई एक संयुक्त मापक है जो लिंग असमानता की वजह से देश के भीतर हिल की जा सकने वाली उपलब्धियों की हानि को दर्शाता है।

• सूचकांक के परिकलन के लिए तीन आयामों का उपयोग किया गया है:

• महिलाओं का प्रजनन स्वास्थ्य (मातृ मृत्यु दर + किशारियों में प्रजनन दर)

• सशक्तिकरण (महिलाओं दव्ारा अधिग्रहित संसदीय सीटों की संख्या + माध्यमिक शिक्षा प्राप्त 25 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं की जनसंख्या के प्रतिशत पर आधारित)

• आर्थिक स्थिति (श्रम बल में भागीदारी)

• पिछले संकेतकों-लैंगिक विकास सूचकांक (जीडीआई) और लैंगिक सशक्तिकरण उपाय (जीईएम) की कमियों को दूर करने के लिए निर्मित

• पूरे दक्षिण एशिया में, केवल युद्ध से प्रभावित अफगानिस्तान की भारत की तुलना में खराब रैंकिंग (श्रेणी) है।

• भारत जीआईआई में 155 देशों में से 130वें स्थान पर है।

• भारत में विधायिका में महज 12.2 प्रतिशत महिला सदस्य है जबकि महिला अधिकारों के उल्लंघन के मामले में शीर्ष पर स्थित देश अफगानिस्तान में यह प्रतिशत 27.6 प्रतिशत है।

• भारत में श्रम बल में भागीदारी की दर महिलाओं के लिए महज 27 प्रतिशत है जबकि पुरुषों के लिए 79.9 प्रतिशत हैं।