चीन का भूगोल (Geography of China) Part 11 for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.
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उद्योग-
चीन में औद्योगिक विकास उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में ही प्रारंभ हो गया था। 1862 से 1971 तक की अवधि को चीन में औद्योगिक भूदृश्य की दृष्टि से निम्न आठ कालखंडो में विभाजित किया जा सकता है-
industrial landscape of china
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ शस्त्र निर्माण काल | 1862 - 1880 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ सरकारी सहायता काल | 1881 - 1894 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ विदेशी नियंत्रण काल | 1895 - 1900 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ स्रांक्षण काल | 1901 - 1914 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ समृद्धि काल | 1915 - 1923 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ अवनति काल | 1924 - 1948 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ पुनरुद्धार काल | 1949 - 1952 |
ढवस बसेेंत्रष्कमबपउंसष्झढसपझ नियोजित विकास काल | 1953 - 1971 |
दव्तीय विश्वयुद्ध के बाद साम्यवादी सरकार की स्थापना हुई तथा देश में औद्योगिक विकास पर ध्यान दिया गया। प्रथम तथा दव्तीय पंचवर्षीय (1952 - 1962) योजनाकाल के समय उद्योग धंधे के क्षेत्र में पर्याप्त उन्नति हुई। दव्तीय पंचवर्षीय योजना में, 1958 में आश्चर्यजनक प्रगति हुई। इस एक वर्ष के समय में चीन ने जितनी उन्नति औद्योगिक क्षेत्र में की उतनी विश्व के किसी भी देश में एक वर्ष में नहीं हुई और न होना संभव है। इसलिए (the year of the big leap) इस वर्ष को लंबी छलांग का वर्ष कहते हैं।
चीन में मुख्यत: तीन औद्योगिक प्रदेशों का विकास हुआ है-
- उत्तर -पूर्वी औद्योगिक प्रदेश- यह चीन का प्राचीनतम एवं वृहत्तम औद्योगिक प्रदेश है। इसका विस्तार चीन के उत्तरी-पूर्वी तट से लेकर मंचूरिया तक है। इस प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक केन्द्र आनशान, जेलियून, हार्विन, क्रियाभजे, शेनयान, फलारकी, लूटा, पनकी, चांगयूंग इत्यादि हैं। आलशान यहाँ का सबसे बड़ा केन्द्र है।
आनशान में चीन का सबसे बड़ा लोहा इस्पात का केन्द्र है। इसी के समीप फुभन, पेंचिहू तथा मुकडेन अन्य प्रमुख केन्द्र है। शेनयान (मुकडेन) को चीन का पिटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू सबर्ग कहा जाता है। हार्बिन, यांगचुन, अन्शान आदि जगहों पर इंजिनीयरिंग उद्योग हैं। तेलियान बंदरगाह जलयान निर्माण का यार्ड है। शेनयांग तथा हार्बिन में विद्युत उपकरण एवं विद्युत मोटर बनते है। फलास्की में भारी मशीनों (यंत्र) के निर्माण का कारखाना है। किरिन में रासायनिक उर्वरक का कारखाना स्थापित है। क्रियामुजे में अखबारी कागज एवं उच्च कोटि के कागज का उत्पादन होता है। लिआओयांग वस्त्र उद्योग का प्रमुख केन्द्र है। पेनकी में लोहा इस्पात उद्योग है। इसके अलावा यहाँ वायुयान, रेल इंजन निर्माण व्यवसाय का अधिक विकास हुआ है। ‘फेंगमेन जल विद्युत केन्द्र’
- बीजिंग ताइयुआन-सिंगदान औद्योगिक प्रदेश- यह त्रिभुजाकार औद्योगिक प्रदेश पीली नदी के डेल्टाई समतल भाग के अधिकांश क्षेत्र में विस्तृत है। इस प्रदेश में लोहा और इस्पात कृषि क्षेत्र यंत्र, सीमेण्ट, इंजीनीयरिंग कागज तथा सूती वस्त्र उद्योग विकसित हो गए है। इस प्रदेश के मुख्य औद्योगिक केन्द्र बीजिंग, निएन्तसिन, ताइयुयान, सिंगताओ, तांगशान, चेंगचाऊ इत्यादि है। बीजिंग में मुख्यत: फुटलूज उद्योगों का विकास हुआ है। यहाँ इंजीनीयरिंग तथा रसायन उद्योग विकसित है। टिएण्टासिन में लोहा-इस्पात, इंजीनियरिंग, सूती वस्त्र तथा रसायन उद्योग है। तांगशान तथा ताइयूयान में लोहा इस्पात विकसित है। सिंगताओ में सूती वस्त्र उद्योग विकसित है।
- शंघाई -वुहान औद्योगिक प्रदेश- यांग्टीसी नदी की घाटी में शंघाई एवं वुहान के मध्यवर्ती भाग में इस औद्योगिक प्रदेश का विस्तार है। इस प्रदेश के वुहान नगर में सर्वप्रथम आधुनिक कारखाने की स्थापना हुई। यह सूती वस्त्र का कारखाना था इसी प्रदेश में चीन के लोहा-इस्पात का भी सर्वप्रथम कारखाना खुला। अत: इस प्रदेश को चीन के औद्योगीकरण का अग्रदूत कहा जा सकता है। इस प्रदेश के शंघाई नगर चीन के कुल औद्योगिक उत्पादन का 20 प्रतिशत अकेले उत्पन्न करता है। चीन के वृहत्तम सूती वस्त्र उद्योग होने के कारण इस नगर को चीन का मैनचेस्टर कहा जाता है। सूती वस्त्र उत्पादन के लिए हैकाऊ एवं नानकिंग भी महत्वपूर्ण केन्द्र है। वुहान को चीन का ‘कानपुर’ कहा जाता है। शंघाई में सूती वस्त्र के अतिरिक्त इंजीनियरिंग, लोहा इस्पात, रेशम, रसायन, सीमेण्ट, जलपोत निर्माण आदि उद्योग हैं।
उपर्युक्त तीन वृहत्तम औद्योगिक प्रदेशों के अतिरिक्त अनेक लघु औद्योगिक क्षेत्र है। महत्वपूर्ण क्षेत्र है-
- कैण्टन औद्योगिक क्षेत्र-शंघाई की तरह कैण्टन भी विविध उद्योगों का वृहद केन्द्र है। यहाँं रेशमी एवं सूती वस्त्र जूट के सामान, मिटवित रुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्र्ुरुक्ष्म्ग्।डऋछ।डम्दव्रुरू टी के बर्तन, कागज एवं जलयान उद्योग स्थापित है।
- हांगकांग औद्योगिक क्षेत्र- यहांँ उपभोक्ता वस्तुओं के उद्योगों की प्रधानता है। सूती वस्त्र, हल्के धातु के पदार्थ एवं प्लास्टिक के सामान यहां के मुख्य औद्योगिक उत्पादन है।
- उरुमयी क्षेत्र- यहाँ वृहद पेट्रो रसायन संकुल तथा तेल-शोधन केन्द्र स्थापित हैं।
कियांग्सूं प्रांत में स्थित बुंसिह विश्व का सबसे बड़ा रेशमी वस्त्र उत्पादक तथा निर्यातक केन्द्र है।
आंतरिक मंगोलिया में पाओटी नगर से चीन का विशाल लोहा एवं इस्पात का कारखाना है। यह कारखाना विश्व की आधुनिक मशीनों से संपन्न है।