बंदरगाह-रेल संपर्क परियोजनाएं (Port Railway Connectivity Project) for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

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सुर्ख़ियों में क्यों?

  • रेल मंत्रालय ने सागरमाला परियोजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 21 बदंरगाह-रेल संपर्क परियोजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि सागरमाला परियोजना पोत-परिवहन मंत्रालय के अधीन है और इसके तहत बदंरगाहों की कनेक्टिविटी (संयोजकता) बढ़ाई जानी है।
  • इसके अतिरिक्त छह अन्य परियोजनाएं इंडियन (भारतीय) पोर्ट (बंदरगाह) रेल कॉरपोरेशन (निगम) लिमिटेड (सीमित) (आईपीआरसीएल) के तहत विचाराधीन हैं।
  • पोत परिवहन मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार की गई राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के भाग के रूप में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 7 मल्टी (बहु) मॉडल (आदर्श) लॉजिस्टिक (तार्किक) पार्क (एमएमएलपी) प्रस्तावित किए गए थे।

उद्देश्य

  • निकासी नेटवर्क (तंत्र) को मजबूत बनाना और देश के बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी (संयोजकता) को बढ़ावा देना।
  • माल की आवाजाही के लिए बंदरगाहों पर प्रक्रियाओं को सरल बनाना।
  • माल की आवाजाही के लिए लॉजिस्टिक्स (तार्किक) लागत और समय को कम करके भारतीय व्यापार को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना।
  • यह जानकारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक (विद्युतीय) चैनलों (प्रवाह) के उपयोग को बढ़ावा देकर माल की त्वरित, दक्ष, परेशानी-मुक्त और सहज आवाजाही को सुगम बनाता है।
  • प्रमुख बंदरगाहों तक कनेक्टिविटी (संयोजकता) को बढ़ाने के लिए कंपनी (संघ) अधिनियम, 2013 के अंतर्गत इंडियन (भारतीय) पोर्ट (बंदरगाह) रेल कॉरपोरेशन (निगम) (आईपीआरसी) नामक एक स्पेशल (विशेष) पर्पज (उद्देश्य) व्हिकल (वाहन) (एसपीवी) बनाया गया है, जो पोत परिवहन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन है।
  • इसमें 90 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रमुख बंदरगाहों और 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रेल विकास निगम लिमिटेड (सीमित) की है।

पृष्ठभूमि

सागरमाला कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य कार्यक्रम वस्तुत: 4 प्रमुख उद्देश्यों के तहत परियोजनाओं को निर्धारित करता है-

  • ब्दांरगाह आधुनिकीरण एवं नए बंदरगाहों का विकास
  • ब्दांरगाह कनेक्टिविटी (संयोजकता) संवर्धन
  • बंदरगाह आधारित औद्योगीकरण
  • तटीय सामुदायिक विकास।

सागरमाला कार्यक्रम

  • सागरमाला, भारत में बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए पोत परिवहन मंत्रालय का फ्लैगशिप (ध्वज-पोत/प्रमुख) कार्यक्रम है।
  • इसका उद्देश्य भारत के समुद्री तट पर स्थित समुद्री-बंदरगाहों की क्षमता का विस्तार और उनका आधुनिकीकरण करना है। दूरदराज के इलाकों में बंदरगाह कनेक्टिविटी बढ़ाना, तटीय समुदायों के धारणीय विकास और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण को सुगम बनाना इसके अन्य लक्ष्य हैं।
  • सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत तैयार की गई राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) प्रधानमंत्री दव्ारा अप्रैल 2016 में जारी की गई।
  • 150 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है जो कि 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश को जुटाएगी और 10 वर्षों की अवधि में 40 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों सहित करीब 1 करोड़ नए रोजगार सृजित करेगी।