मैगी विवाद (Maggie Dispute – Science and Technology)

Get top class preparation for CTET-Hindi/Paper-1 right from your home: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

मैगी को लेकर क्या विवाद हैं?

• गोरखपुर की एक प्रयोगशाला ने नेस्ले के इस दावे की जांच की कि मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट नहीं हैं। परीक्षण में मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट पाया गया और बाराबंकी की अदालत में एक शिकायत दर्ज कराई गईं

• कोलकाता की एक प्रयोगशाला के परीक्षण में मैंगी में ‘बहुत अधिक मात्रा’ में हानिकारक सीसा पाया गया।

एफ. एस. एस. ए. आई. के तहत कौन से नियम ‘इस्टेंट नूडल्स’ (जैसे-मैगी) को नियंत्रित करते हैं?

• खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2011 के अनुसार मोनोसोडियम ग्लूटामेट (स्वाद बढ़ाने वाला एक तत्व) को 12 महीने से कम के शिशुओं के भोजन में शामिल नहीं दिया किया जा सकता।

• मोनोसोडियम ग्लूटामेट को ‘पास्ता और नूडल्स (केवल सूखे उत्पादों) ’ सहित 50 से ज्यादा खाद्य पदार्थो में इस्तेमाल की अनुमति नहीं है, लेकिन नूडल्स और पास्ता के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले मसाले में इसका उपयोग किया जा सकता है।

• खाद्य सुरक्षा और मानक (संदूषक, जहर और अवशेष) विनियम 2011 के तहत शिशु दूध के स्थानापन्न पदार्थो और शिशु खादव् पदार्थो में सीसा की मात्रा प्रति दस लाख में 0.2 हिस्से (पी. पी. एस) तक हो सकती है और बेकिंग पाउडर, चाय, निर्जलित प्याज, और मसाले जैसी चीजों में यह प्रति दस लाख में 10 हिस्से तक हो सकती है। कुछ खाद्य पदार्थों जैसे इंस्टेंट नूडल्स में यह मात्रा 2.5 पी. पी. एम. है।

• नूडल्स में सीसा और मोनोसोडियम ग्लूटामेट क्यों डाला जाता है?

• मोनोसोडियम ग्लूटामेट तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है और भोजन स्वादिष्ट लगने लगता है। ‘इंडियन (भारतीय) चाइनीज’ खाद्य पदार्थों में इसका व्यापक उपयोग होता है। अमेरिकी खाद्य विभाग के अनुसार मोनोसोडियम ग्लूटामेट आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है और यह नमक, काली मिर्च, सिरका और बेकिंग (सहारा) पाउडर (चूर्ण) जैसा ही है। ग्लूटामेट टमाटर, मशरूम, कवक और पनीर सहित कई प्राकृतिक खाद्य पदार्थों में मौजूद रहता है।

• नूडल्स में सीसा, पानी या मसालों से या पैकेजिंग और कर्लिंग एजेंट (नूडल्स को घुमावदार बनाने वाला) से आता हैं।

• माधुरी दीक्षित सहित अन्य लोगों पर मैगी का प्रचार करने की वजह से मुजफ्फरपुर और बाराबंकी न्यायालयों ने केस दर्ज करने का आदेश दिया है।