राष्ट्रीय जनजातीय सलाहकार परिषद (National Tribal Advisory Council – Social Issues)

Doorsteptutor material for CTET-Hindi/Paper-1 is prepared by world's top subject experts: get questions, notes, tests, video lectures and more- for all subjects of CTET-Hindi/Paper-1.

• सरकार ने आदिवासी कल्याण योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के लिए एक राष्ट्रीय जनजातीय सलाहकार परषिद गठित करने का फैसला किया है।

• परिषद के अध्यक्ष प्रधामंत्री होंगे और वर्ष में एक या दो बार परिषद् की बैठक होगी।

जनजाति सलाहकार परिषद (टीएसी)

• संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुसार, प्रत्येक राज्य में जहाँ अनुसूचित क्षेत्र है एक टीएसी का गठन होगा, और यदि राष्ट्रपति निर्देश देते हैं तो ऐसे राज्य में भी एक टीएसी होगी जहाँ अनुसूचित जनजातियाँ हैं लेकिन वहाँ गैर-अनुसूचित क्षेत्र हैं।

टीएसी की संरचना ~National Tribal Advisory: Critical Analysis of Social Issues for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

• पांचवी अनुसूची के प्रावधानों अनुसार, टीएसी में सदस्य संख्या 20 से अधिक नहीं होना चाहिए जिनमें से, तीन-चौथाई के लगभग सदस्य राज्य विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधि होंगे।

टीएसी की भूमिका ~National Tribal Advisory: Critical Analysis of Social Issues for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

• राज्य में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति से संबंधित ऐसे मामलों पर सलाह देना जो राज्यपाल दव्ारा उन्हें निर्दिष्ट किये जाएं।

राज्यों दव्ार गठित टीएसी के विवरण ~National Tribal Advisory: Critical Analysis of Social Issues for NET, IAS, State-SET (KSET, WBSET, MPSET, etc.), GATE, CUET, Olympiads etc.

• दस अनुसचित क्षेत्र राज्यों आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना और दो गैर- अनुसूचित क्षेत्र राज्यों तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में जनजाति सलाहकार परिषद का गठन कर दिया गया हैं गैर- अनुसूचित क्षेत्र राज्य उत्तराखंड को भी राज्य टीएसी के गठन के लिए माननीय राष्ट्रपति के निर्देश से अवगत करा दिया गया है।