पहला राष्ट्रीय पर्यटन सर्किट (परिपथ/परिक्रमा) (First National Tourism Circuit – Culture)

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• पर्यटन मंत्रालय ने बौद्ध सर्किट को भारत के पहले पार- राष्ट्रीय पर्यटन सर्किट के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया है।

पृष्ठभूमि

• बौद्ध सर्किट का विकास स्वदेश दर्शन योजना का हिस्सा है, जिसकी 2014 में घोषणा की गयी थी। इसके तहत एकीकृत विषय आधारित पर्यटन सर्किट विकसित किये जाएंगे।

• विषयों की विशेषताएं अदव्तीय एवं क्षेत्र विशेष से संबंधित हो सकती है और इनका विस्तार धर्म, संस्कृति, विरासत आदि तक हो सकता है।

• इस योजना में उत्तर-पूर्व सर्किट, बौद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट और कृष्ण सर्किट शामिल है।

• एक अलग घोषणा में सरकार ने भी देश में पर्यटन के विकास के लिए देश भर में और पचास सर्किटों की घोषणा की।

बौद्ध सर्किट

• मंत्रालय दव्ारा परिकल्पित बौद्ध सर्किट के नक्शें में बिहार से बोधगया, वैशाली, राजगीर, यूपी से कुशीनगर, सारनाथ और श्रीवास्ती, और नेपाल से कपिलवस्तु और लुम्बिनी भी शामिल है।

बोध गया

• बिहार के गया जिले में अवस्थित यह बौद्धों के लिए चार सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। यह वह जगह है जहाँ बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ।

• महाबोधि मंदिर परिसर 2002 में एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल घोषित कर दिया गया।

वैशाली

• यह बिहार में अवस्थित एक जिला है जिसका नाम महाभारत में उल्लिखित मिथिला के प्राचीन शहर वैशाली नगर के नाम पर रखा गया। यह बौद्धों और जैनियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

• यह लिच्छवी राजवंश की राजधानी थी जो वज्जी महाजनपद में गणतंत्र के सबसे पहले उदाहरणों में से एक माना जाता है।

• बुद्ध ने 483 ईसा पूर्व में अपनी मृत्यु से पहले अपना अंतिम उपदेश यहीं पर दिया था। 383 ईसा पूर्व में दूसरी बौद्ध परिषद यहीं आयोजित की गयी थी।

• यहाँ अवस्थित अशोक स्तंभ सर्वाधिक संरक्षित अवस्था में है जिसके शीर्ष पर एशियाई शेर है।

राजगीर

• बिहार के नालंदा जिले में अवस्थित है, यह मगध साम्राज्य की पहली राजधानी थी। यह भी बौद्धों जैनियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

• बुद्ध ने यहाँ अपने बारह वर्ष के निवास काल में कई उपदेश दिए और दव्तीय धम्म चक्र का प्रवर्तन भी यहीं से किया।

• प्रथम बौद्ध परिषद का आयोजन भी यहीं हुआ था।

कुशीनगर

• कुशीनगर उत्तर प्रदेश में अवस्थित है। यह माना जाता है कि यहीं पर बुद्ध को महापरिनिर्वाण की प्राप्ति हुई। यह एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल है।

सारनाथ

• सारनाथ शहर उत्तर प्रदेश में गंगा और गोमती नदियों के संगम पर स्थित है।

• यह सारनाथ ही था जहाँ बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त करने के बाद पहली बार धम्म को उपदेश दिया था।

श्रावस्ती

• श्रावस्ती उत्तर प्रदेश में पश्चिमी राप्ती नदी पर स्थित है। श्रावस्ती का प्राचीन शहर कोशल की राजधानी थी।

• यह माना जाता है कि बुद्ध ने चौदह चातुर्मास (चार महीने की पवित्र अवधि) यहीं पर गुजारे थे।

• शहर में कई पुराने स्तूप, बिहार और मंदिर बुद्ध के साथ अपने संबंध स्थापित करते है।

कपिलवस्तु

• कपिलवस्तु दक्षिणी नेपाल में स्थित है। प्राचीन समय में कपिलवस्तु शाक्य राज्य की राजधानी थी जहां सिद्धार्थ 29 वर्ष की उम्र में महल छोड़ने से पहले अपने माता-पिता के साथ रहे थे।

लुम्बिनी

• लुम्बिनी नेपाल के रूपन्देही जिले में स्थित एक बौद्ध तीर्थ स्थल है। बौद्धों दव्ारा माना जाता है, कि यहां रानी माया ने 563 ईसा पूर्व में गौतम सिद्धार्थ को जन्म दिया था।

• यह 1997 में यूनेस्को दव्ारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया।